शराबी को बिना बताये ''शराब छुडायें'' एवं सरलता से स्वयं शराब छोड़ें

*शराबी स्वयं सरलता से शराब छोड़ें*
 *शराबी को बिना बताए शराब छुड़ायें*
आरोग्य हेल्थ 
Natural Herbal Medicine

Rid- alco 
रीडाल्को  (राब मुक्ति दवा)
[1] शराबी व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुरूप बिना परेशानी के सरलता से स्वयं शराब छोड़ें ।
यह आयुर्वेदिक ओषधियों से निर्मित शराब मुक्ति दवाई है, जो शराब की लत से परेशान लोगों के लिए एक कामयाब नुस्खा है। 
शराब मुक्ति दवाई को खाने के बाद शुरू के दिन से ही शराब पीने की तलब आना बन्द हो जाती है। नीन्द भी आसानी से आने लगती है तथा कुछ दिनों बाद शराब पीने की इच्छा होना बन्द हो जाती है और धीरे-धीरे शराब की आदत छूट जाती है। 
शराब मुक्ति दवा'' को स्वयं की इच्छा के अनुरूप नियमित रूप से सेवन करने से, शराबी की शराब पीने की आदत बिना परेशानी के सरलता पूर्वक छूट जाती है। 
सिर्फ 30 दिन का कोर्स लेकर शराब की लत से छुटकारा पाया जा सकता है। 
 
विशेषता :-   
शराब मुक्ति दवा'' को नियम पूर्वक लेने से शराब पीने की इच्छा नहीं होती है। 
यह बहुत ही कम समय में शराब की लत से मुक्ति दिलाती है। 
इस दवाई के कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
इस दवाई के सेवन से शराब के आदी व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और सरलता पूर्वक शराब की लत से छुटकारा मिल जाता है। 
स्वेच्छा से शराब छोड़ने वालों के लिए शराब की लत से छुटकारा मिल जाता है। 
इसमें ऐसी कोई प्रतिबन्धित वस्तु नहीं है,जो शरीर को हानि पहुँचाती हो।

                              घर बैठे प्राप्त करें 
                               कोर्स की कीमत               
                                                  1600/- रूपये मात्र 
 
 
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                              कोर्स की कीमत               
                                                1050/- रूपये मात्र
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[2] शराबी को बिना बताये दवाई द्वारा शराब छुड़ायें
शराबी व्यक्ति का शराब उसकी इच्छा के अनुरूप एवं उसकी इच्छा के बिना भी छुड़ाने का प्रयास किया जाता है 

शराबी को बिना बताए शराब कैसे छुड़ाएं
इस दवाई में किसी प्रकार का स्वाद एवं दुर्गंध नहीं आती हैं, जिसके फलस्वरूप आप इसे आसानी से शराबी व्यक्ति के खाने या पीने की वस्तु में मिलाकर भी दे सकते हैं।
इस दवाई को शराब के आदी व्यक्ति को रोटी, सब्जी, दूध, चाय या कोई भी खाने पीने की वस्तु में मिलाकर देने से 5 से 10 दिन के आस पास के दिनों में शराब का नशा छुट जाता है।

शराब के आदी व्यक्तियों के लिए :-
जिन लोगों को शराब पीने की अधिक आदत पड़ गई हो।
शराब न मिलने पर सिर दर्द, बैचेनी, अनिद्रा, भूक न लगना आदि परेशानियां रहती हैं।   
ऐसे शराब के आदी व्यक्ति जो फिर से सामान्य जीवन का आनन्द लेना चाहते हैं। 
स्वेच्छा से शराब छोड़ने वाले ऐसे व्यक्ति अपना जीवन चक्र फिर से बदल सकते हैं।
हमारा उद्देश्य
''नशा मुक्ति आरोग्यम्'' मानव सेवा के भाव से सस्ती एवं सुलभ नशा मुक्ति दवाई उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। एवं दूर - दराज के लोगों को भी इस सेवा का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती हैं।
'' नशा मुक्त आम जन ''
'' नशा मुक्त इण्डिया '' ही हमारी सोच हैं।
केवल स्वेच्छा से दवा खाकर छोड़ने वाले ही सम्पर्क करें।
 
घर बैठे ऑर्डर करें 
30 दिन की दवाई
मात्र 750/- रुपये

Ayush Herbal Clinic
Bundi, Rajasthan 
Mobile 8209631516



Email - nashamuktiayu@gmail.com

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बिना बताये देने वाली दवाई के नियम एवं शर्तें
अत्यन्त कमजोरबीमार  एवं बूढ़े व्यक्ति को दवाई न दें। हार्ट (दिल)लीवर (पीलिया)बी.पी. के पेशेन्ट, ब्रेन एवं न्यूरोलॉजी पेशेन्ट, मानसिक रोगी, टाइफाइड (मियादी बुखार), टीबी आदि के मरीजों को यह दवा न दें।

शराब पीने एवं शराब का नशा रहने तक उल्टीसिरदर्दघबराहट आदि परेशानी आ सकती है, यदि आप शराबी को उसकी इच्छा के बिना चुपके से दवाई देते हो तो उसकी जिम्मेदारी स्वयं की होगी।

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 शराब के सेवन से होने वाले दुष्प्रभाव 
 
शराब के अधिक सेवन से हाई ब्लड प्रेशर दिल, लिवर, गठिया, मोटापा जैसी अनेक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा हो जाती है जिससे मुक्ति पाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

  ज्यादा शराब पीने से हानियां 
शराब के सेवन से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है जिसमें लिवर की बीमारी, सिरोसिस और साथ ही सड़क यातायात दुर्घटनाओं में घायल होने की वजह पैदा कर सकता है लेकिन क्या आपको लगता है कि शराब को पीने से केवल लिवर की बीमारी और कार दुर्घटना जैसे स्वास्थ्य जोखिम के अलावा कोई खतरा नहीं है। तो फिर से सोचें शोधकर्ताओं के अनुसार शराब के के अधिक सेवन से 60 से अधिक बीमारियों के साथ जुड़ा होता है यहां पर शराब से जुड़े 12 तरह की हानियों के बारेमें बताया गया है।
 
 कैंसर 
यूनिवर्सिटी आफ टोरंटो एडिक्शन पॉलिसी विभाग के चेयरमैन, पीएचडी जुर्गेन रेम के अनुसार नितयमित रुप से शराब पीने से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार खतरा तब और अधिक बढ़ जाता है जब शरीर में शराब ऐसीटैल्डिहाइड शक्तिशाली कैंसर जन में परिवर्तित हो जाता है।

 शराब के अधिक उपयोग से मुहं गला  लीवर ग्रास नली स्तन पेट और मलाशय के कैंसर होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। कैंसर का खतरा उन लोगों को बहुत अधिक होता है जो बहुत अधिक शराब पीने के साथ तंबाकू का सेवन भी करते हैं।

 पागलपन 
उम्र बढ़ने के साथ लोगों में औसत रूप से लगभग 1.9 प्रतिशत की दर से मस्तिष्क सिकुड़ता है इसे सामान्य माना जाता है लेकिन अधिक शराब पीने से मस्तिष्क के कुछ महत्वपूर्ण हिस्सों में इस संकुचन की गति बढ़ जाती है जिसके कारण स्मृति,हानि और डिमेंशिया के अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।

 एनीमिया (रक्ताल्पता) 
बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने से ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या असामान्य रूप से कम होने का कारण बनता है इस अवस्था को एनीमिया कहते हैं।
जिसके कारण थकान, सांस लेने में तकलीफ या सांस फूलना  जैसी समस्याएं देखने को मिलती है।

 हृदय रोग 
अधिक शराब पीने के कारण प्लेटलेट्स की ब्लड क्लॉट्स के रूप में जमा होने की संभावना अधिक होती है जिसके कारण हार्टअटैक या स्ट्रोक हो सकता है 2005 में अमेरिका स्थित हाॅवर्ड के शोधकर्ताओं ने पाया कि ज्यादा शराब पीने वाले उन लोगो मे मौत का खतरा दोगुना हो जाता है, जिन्हे पहले हार्टअटैक आ चुका है।

 सोरायसिस 
लिवर सेल्स के लिए शराब जहर के समान हैं अधिक शराब पीने वाले अनेक लोगों को सिरोसिस की शिकायत रहती हैं जो कि कभी-कभी घातक हालात पैदा कर देती है। इस अवस्था में लीवर भारी होने के कारण अपना कार्य करने में असमर्थ हो जाता है 

 डिप्रेशन 
इस बात की जानकारी लंबे समय से है कि शराब का अधिक सेवन और डिप्रेशन अक्सर साथ साथ रहते हैं लेकिन इस पर बहस होती रही हैं कि पहले क्या आता है शराब का सेवन या फिर डिप्रेशन एक सिद्धांत के अनुसार अवसाद ग्रस्त लोग अपने भावनात्मक दर्द को कम करने के लिए शराब का सेवन स्वयं की औषधि के रूप में करते हैं लेकिन 2010 में न्यूजीलैंड में हुई अध्ययन से यह पता चला है कि अधिक शराब पीने से डिप्रेशन होता है।

गठिया 
घटिया एक दर्दनाक स्थिति है जो जोड़ों और उसके आसपास चारों ओर यूरिक एसिड क्रिस्टल के गठन के कारण होता है हालांकि कुछ मामलों में यह वंशानुगत होते हैं फिर भी शराब और अन्य आहार कारक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं शराब गठिया की मौजूदा हालात काफी हद तक बढ़ा देता है।

दोरा 
अधिकृत शराब का सेवन मिर्गी का कारण बन सकता है यहां तक कि उन लोगों को भी दौरे का कारण बन सकता है जिन्हें मिर्गी की शिकायत नहीं है इसके अलावा शराब का अधिक सेवन इस विकार को दूर करने के लिए ली जा रही दवाओं की कार्रवाई में भी हस्तक्षेप कर सकता है।

तंत्रिका क्षति (नर्व डैमेज) 
अधिक शराब पीने से तंत्रिका क्षति होती है जिसे एल्कोहलिक यूरोपैथी कहते हैं शराब तंत्रिका कोशिकाओं के लिए जहर के समान होने और अधिक शराब पीने के कारण होने वाली पोषक तत्व की कमी तंत्रिका कार्यों को प्रभावित करती हैं जिसके एल्कोहलिक यूरोपैथी उत्पन्न होती हैं इसके कारण हाथ पाओं में दर्दनाक जैसी चुभन महसूस होते हैं और साथ ही मांसपेशियों की कमजोरी संयम कब्ज स्वप्न दोष और अन्य कई समस्याएं पैदा होती हैं।

संक्रामक रोग 
अधिक शराब पीने से इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है जिससे संक्रमण की संभावना बढ़ जाती हैं जिसमें ट्यूबरक्लोसिस न्यूमोनिया एचआईवी ऐड्स तथा अन्य यौन संचारित रोग शामिल है अधिक शराब पीने वाले लोग ज्यादातर जोखिम जिससे योग संचारित रोग होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

पेनक्रिएटाइटिस 
पेट में जलन पैदा करने के अलावा शराब पीना अग्न्याशय में भी जलन का कारण बनता है पुरानी पेन की आर्टिस्ट पाचन क्रिया में हस्तक्षेप करता है और पेट में दर्द उल्टी और वजन घटाने का कारण बनता है पुरानी पेनक्रिएटाइटिस में कुछ मामलों पित्त पथरी के कारण होते हैं लेकिन उनमें से लगभग 70% शराब पीने के कारण बनते हैं

हाई ब्लड प्रेशर 
शराब संवेदी नर्वस सिस्टम को बाधित कर रक्त वाहिकाओं के संकुचन और फैलाव को नियंत्रित करता है शराब विशेष रूप से अत्यधिक शराब रक्तचाप में वृद्धि का कारण बनता है इस समय के साथ इसके प्रभाव बहुत क्रॉनिक हो जाते हैं हाई बीपी कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं जैसे किडनी की समस्या हृदय रोग और स्ट्रोक का कारण बन जाता है।

Nasha Mukti Arogyam Kota [Raj.] 




तम्बाकू, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट की लत से छुटकारा पायें।

 
*तम्बाकू गुटखा बीड़ी सिगरेट सरलता पूर्वक छोड़ें*

आयुष हर्बल
Natural Herbal Medicine

Rid- drugs  (Tobacco)
(तम्बाकू मुक्ति दवा)
यह आयुर्वेदिक ओषधियों से निर्मित तम्बाकू मुक्ति दवाई है, जो तम्बाकू की लत से परेशान लोगों के लिए एक कामयाब नुस्खा है । यह बहुत ही कम समय में तम्बाकू से सम्बन्धित जैसे जर्दा, गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, जेसे मादक पदार्थों से मुक्ति दिलाती है। यह तम्बाकू की लत को इतने कम समय में छुड़ाने वाली भारतवर्ष की पहली एक मात्र आयुर्वेदिक मेडिसिन है ।
स्वेच्छा से सरलता पूर्वक छोड़ें   
तम्बाकू मुक्ति दवा'' को स्वयं की इच्छा के अनुरूप नियमित रूप से सेवन करने से धूम्रपान के आदी व्यक्तियों का बीड़ी सिगरेट तम्बाकू गुटखा जैसे पदार्थ 15 से 20 दिन की अवधि में सरलता पूर्वक छूट जाता है।
विशेषता :-   
तम्बाकू मुक्ति दवा'' को नियम पूर्वक लेने से तम्बाकू गुटखा बीड़ी सिगरेट आदि की इच्छा नहीं होती है। 
इन मादक पदार्थों की तलब नहीं आती है और तम्बाकू से सम्बन्धित चीजों का सेवन करने पर अच्छा नहीं लगता है।
यह बहुत ही कम समय में तम्बाकू की लत से मुक्ति दिलाती है। 
इस दवाई के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। 
इस दवाई के सेवन से तम्बाकू के आदी व्यक्ति को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता और सरलता से तम्बाकू धुम्रपान से छुटकारा मिल जाता है। 
स्वेच्छा से तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट, गुटखा छोड़ने वालों के लिए सिर्फ एक ही कोर्स में धूम्रपान की लत से छुटकारा मिल जाता है।
इसमें ऐसी कोई प्रतिबंधित वस्तु नहीं है ,जो शरीर को हानि पहुँचाती हो।

हमारा उद्देश्य
''नशा मुक्ति आरोग्यम्'' मानव सेवा के भाव से सस्ती एवं सुलभ नशा मुक्ति दवाई उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। एवं दूर - दराज के लोगों को भी इस सेवा का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती हैं।
'' नशा मुक्त आम जन ''
'' नशा मुक्त इण्डिया '' ही हमारी सोच हैं।
केवल स्वेच्छा से दवा खाकर छोड़ने वाले ही सम्पर्क करें।

                     

                          ''तम्बाकू मुक्ति दवाई''

 

 

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                            मात्र 700/- रूपये

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                     -: तम्बाकू से हानियाँ :-
 
विश्व भर में तम्बाकू, सिगरेट, गुटखा के बढ़ते उपयोग और उसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले हानिकारक प्रभाव चिंता का कारण बन गए हैं। 
गैर संचारी रोग (एनसीडी) जैसे कि इस्कीमिक हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह, पुरानी सांस की बीमारियां इत्यादि विश्व स्तर पर होने वाली मृत्यु का प्रमुख कारण है ।

तम्बाकू, गुटखा,बिड़ी, सिगरेट के सेवन के साथ जुड़ी है डब्ल्यूएचओ प्रमाणित डाटा के अनुसार विश्व में हर वर्ष 38 लाख लोग एनसीडी से मर जाते हैं तथा निम्न और मध्यम आय वाले देशों में लगभग 58% लोग एनसीडी से मर जाते हैं।

तम्बाकू का सेवन विभिन्न तरह से किया जाता है सिगरेट, बीड़ी, शिगार, हुक्का, तम्बाकू चबाना, गुटखामिश्रित आदि कई प्रकार से तम्बाकू का सेवन किया जाता है।

तम्बाकू में निकोटिन एवं कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे खतरनाक घटक होते हैं।

सिगरेट पीने (धूम्रपान) के कारण और इसके अवशोषण के बाद, निकोटिन तेजी से मस्तिष्क में पहुंचता है तथा कुछ सेकण्ड के बाद तुरंत मनोवैज्ञानिक गतिविधियां सक्रिय हो जाती है, इसके बाद यह स्थितियां और अत्यधिक प्रबल हो जाती हैं ।

निकोटीन मस्तिष्क में रिसेप्टर्स को बांधता है, जहां पर यह मस्तिष्क के चयापचय को प्रभावित करता है। 
निकोटीन अधिकतर पूरे शरीर, कंकाल, मांसपेशियों में वितरित हो जाता है । व्यक्ति में नशे की अन्य आदतों वाले पदार्थों द्वारा गतिविधियों में सहनशीलता विकसित होती हैं। 

कार्बन मोनोऑक्साइड रक्त में लेकर जाने वाली ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है जो सांस लेने में तकलीफ का कारण बनता है ।

कार एक चिपचिपा अवशेष है, जिसमें बैन्जोपाइरीन होता है, जो कि घातक कैंसर होने वाले "कारक एजेंटों" के नाम से जाना जाता है ।

अन्य यौगीकों में कार्बन डाई ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, अमोनिया अस्थिर नाइट्रोस्माइस, हाइड्रोजन साइनाइड, अस्थिर सल्फर युक्त योगीकों, अस्थिर हाइड्रोकार्बन, एल्कोहल एल्डिहाइड और निकोटिन शामिल हैं। कुछ यौगिकों को शरीर के विभिन्न अंगों में होने वाले कैंसर के कारणों के लिए जाना जाता है ।

तम्बाकू का सेवन स्वसन तंत्र के कैंसर, फेफड़े, संपूर्ण ऊपरी जठरांत्र संबंधी, यकृत (लिवर), अग्नाशय, गुर्दा, मुत्राशय, मौखिक केविटी (गुहा), नाक कैविटी (गुहा), गर्भाशय ग्रीवा, आदि की समस्याओं से जुड़ा होता है ।

धुंआ रहित तम्बाकू (तम्बाकू चबाना और सूंघना, नसवार आधी) मौखिक कैविटी (गुहा) के कैंसर का प्रमुख कारण होते है।

आरोग्यआयु क्लीनिक
तालेड़ा, बून्दी, राजस्थान
मो. 820 963 1516
Email - nashamuktiayu@gmail.com
 
 
 

 

गांजा, भांग का नशा सरलता से छोड़िये।

आयुष हर्बल
Natural Herbal Medicine

KOTA, Rajasthan 
+91 8209631516
 
Anti Hemp Dawai  
 गांजा भांग  का  व्यसन  सरलता से छोड़ें






 
 
 

 

''एन्टी गांजा भांग दवाई'' आयुर्वेदिक ओषधियों से निर्मित व्यसन उपचार के लिए एक कामयाब नुस्खा है, यह बहुत ही कम समय में गांजा,भांग के व्यसन से मुक्ति दिलाती है गांजा, भांग के नशे को इतने कम समय में छुड़ाने वाली भारतवर्ष की पहली एक कामयाब आयुर्वेदिक मेडिसिन है ।

स्वेच्छा से सरलता  पूर्वक छोड़ें  
इस दवाई के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। स्वेच्छा से नशा छोड़ने वालों के लिए सिर्फ एक ही कोर्स में गांजा,भांग की लत से छुटकारा मिल जाता है

यह किस प्रकार कार्य करती है 
इस दवाई के सेवन से किसी प्रकार का दर्द तकलीफ, बैचेनी, घबराहट या नींद नहीं आने जैसी कोई परेशानी नहीं रहती है  
सिर्फ 10 दिन बाद में दवा की मात्रा को धीरे धीरे कम किया जाता है, और  30 दिनों के भीतर ही गांजा,भांग की लत सरलता पूर्वक छुट जाती है।

व्यसन  मुक्त  जीवन  जीना आसान 
गांजा, भांग के आदी व्यक्ति का दिमाग एवं शरीर का संतुलन बिगड़ सा जाता हैनियमानुसार एन्टी गांजा भांग नशा मुक्ति आयुर्वेदिक दवाई लेने से बिना परेशानी के तथा बिना भर्ती के ही गांजा, भांग की आदत छुट जाती है और गांजा भांग की लत से परेशान व्यक्ति का जीवन चक्र बदल जाता है इस दवाई को खाने के बाद गांजा भांग की तलब नहीं आती है, और धीरे - धीरे इच्छा कम होने लगती है।
इस दवाई से गांजा भांग की लत आसानी से छुट जाती है और जीवन जीना आसान हो जाता हैं

यह खास क्यों है
इस दवाई की आदत नहीं पड़ती है, बल्कि नशेड़ी व्यक्ति के शरीर एवं दिमाग का संतुलन फिर से सामान्य बनाने में मदद करती है  
नशे के आदी व्यक्ति का शरीर एवं दिमाग का संतुलन फिर से सामान्य हो जाता है और गांजा, भांग की लत से छुटकारा पाना बहुत ही आसान हो जाता है।   
इसमें ऐसी कोई प्रतिबंधित वस्तु नहीं है,जो शरीर को हानि  पहुँचाती हो
यह शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। जो नशे की बीमारी से लड़ने के अलावा स्फूर्ति का एहसास करा सकती है              
गांजा,भांग के दुष्परिणाम
 गांजा भांग का नशा आदमी के शरीर का संतुलन चक्कर बिगाड़ देता है यह धीरे धीरे दिमाग की नसों को शीतल एवं शरीर को कमजोर कर देता है। 
गांजा, भांग की अधिक आदत मानव मष्तिस्क को धीरे-धीरे विनष्ट भी कर सकती है, इन पदार्थों का सेवन मानव समाज के लिए बहुत ही घातक है।  इस व्यसन के आदी व्यक्ति एवं उसका परिवार बर्बादी के करीब पहुंच की स्थिति में आ जाता है इन पदार्थो के सेवन से स्वयं नशेड़ी व्यक्ति एवं उसका परिवार काफी परेशान रहता हैं
पीड़ित को गांजा, भांग नहीं मिलने पर
गांजा, भांग के आदी व्यक्ति इस व्यसन को पाने के लिए आखिरी स्थिति में घटिया कार्य करने के लिए भी हिचकिचाते नहीं है और वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं गांजा, भांग के आदी व्यक्ति का दिल दिमाग एवं शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है एन्टी गांजा भांग नशा मुक्ति आयुर्वेदिक दवाई से बिना परेशानी के  सरलता पूर्वक गांजा, भांग का नशा छुट जाता हैं 
 
हमारा उद्देश्य
''नशा मुक्ति आरोग्यम्'' मानव सेवा  के भाव से सस्ती एवं सुलभ नशा मुक्ति दवाई उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। एवं दूर - दराज के लोगों को भी इस  सेवा का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती हैं। 
'' नशा मुक्त आम जन '' 
'' नशा मुक्त इण्डिया '' ही हमारी सोच हैं
 
  केवल स्वेच्छा से दवा खाकर छोड़ने वाले ही सम्पर्क करें


 


                   नशा मुक्ति आयुर्वेदिक दवाई
 
                   घर बैठे भी प्राप्त कर सकते हैं

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आयुष हर्बल क्लिनिक
तालेड़ा, बून्दी, राजस्थान

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अफीम, डोडा पोस्त सरलता से छोड़ें।


 Nasha Mukti Arogyam 
 KOTA, Rajasthan
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Rid- Opium
अफीम मुक्ति दवा
यह प्राकृतिक ओषधियों से निर्मित व्यसन उपचार के लिए सरल, सफल एवं कामयाब अफीम मुक्ति दवाई है। यह व्यसन उपचार को शत-प्रतिशत कामयाब बनाती हैं। यह बहुत ही कम समय में अफीम, डोडा पोस्त के व्यसन से मुक्ति दिलाती है।
 
स्वेच्छा से सरलता  पूर्वक छोड़ें  
इस दवाई के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। वयस्क और स्वस्थ व्यक्ति जो सामान्य तौर पर अफीम, डोडा पोस्त का सेवन करते है, ऐसे व्यक्तियों को एक ही कोर्स में इस व्यसन की लत से छुटकारा मिल जाता है।
  
यह किस प्रकार कार्य करती है
इस आयुर्वेदिक दवाई से किसी प्रकार का दर्द तकलीफ, बैचेनी, घबराहट, आँखों में पानी आना, अनिन्द्रा, उल्टी, दस्त आदि की  कोई समस्या नहीं रहती हैं। जिससे अफीम, डोडा पोस्त के नशे को आसानी से छोड़ना सम्भव हो जाता है।  
इस दवाई की कोई आदत नहीं पड़ती है, बल्कि 10 -12 दिन बाद में ही दवाई की मात्रा को धीरे धीरे कम किया जा सकता है।
इस दवाई का सामान्य तौर पर अफीम, डोडा पोस्त का सेवन करने वाले व्यक्तियों को केवल 30 दिन के कोर्स में ही नशे की लत से छुटकारा मिल जाता है।   
 
जीवन चक्कर बदलना आसान
अफीम, डोडा पोस्त का सेवन करने वाले व्यक्ति के शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। नियमानुसार एन्टी ओपियम नशा मुक्ति आयुर्वेदिक दवाई लेने से धीरे धीरे शरीर का सन्तुलन फिर से सामान्य होने लगता है, और बिना परेशानी के तथा बिना भर्ती के भी नशा मुक्ति आरोग्यम् की रिडाफिम दवा लेने से अफीम की आदत छुट जाती है।  
व्यसन पीड़ित व्यक्ति का जीवन चक्र बदलने लगता है। और जीवन जीना आसान हो जाता हैं।

यह खास क्यों है ?
इस दवाई  की आदत नहीं पड़ती है, बल्कि कोर्स पूरा होने पर आसानी से दवाई को धीरे धीरे बन्द कर सकते है।
इसमें ऐसी कोई प्रतिबंधित वस्तु नहीं है, जो शरीर को हानि  पहुँचाती हो। इसमें प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने जैसे गुण विद्यमान है, जो कि नशे की बीमारी से लड़ने के अलावा स्फूर्ति का एहसास भी कराती है। इसकी लत को छोड़ने के बाद शारीरिक व मानसिक रूप से काफी लाभ मिलता है। 
 
अफीम का सेवन करने वालों को अफीम न मिलने पर
अफीम डोडा पोस्त का नशा बहुत ही घातक व्यसन है। अफीम का नशा करने वाले व्यक्ति को यह समय पर न मिलने पर असहनीय शारीरिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है। अफीम का नशा किसी मादक पदार्थ या मादक द्रव्य से सम्बंध ऐसी मानसिक एवं शारीरिक निर्भरता है जो प्रायः नियंत्रण से परे होती है। अफीम का सेवन करने वाले व्यक्ति को बिना दवाई के इसे छोड़ना बहुत कठिन होता है।
 
अफीम के दुष्परिणाम
अफीम का सेवन दवाई के तौर पर करना ही फायदेमंद है, अगर इसे नशे के तौर पर लिया जाए, तो इससे कई शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं । जैसे कि  
1. आंखों में धुंधलापन महसूस होना
2. होंठ और नाखून नीले पड़ना
3. सीने में दर्द या बेचैनी जैसा अनुभव होना
4. ठंड लगना
5. ठंड लगने के साथ-साथ पसीना आना
6. उलझन और बेहोशी जैसा महसूस होना
7. स्किन पर चिपचिपापन महसूस होना
8. खांसी के साथ गुलाबी झागदार थूक निकलना
9. डिप्रेशन से ग्रसित होना
10. तेज-तेज सांस लेना
11. सोने में कठिनाई
12. लेटने या बैठने के बाद अचानक उठने पर चक्कर आना या बेहोशी आना
13. दिल की धड़कन तेज होना
14. सिरदर्द बने रहना
15. ज्यादा भूख लगना
15. ब्लड प्रेशर अनियंत्रित रहना
शरीर में अफीम का ओवरडोज होने से यह परेशानी उन लोगों में देखी जाती है, जो दवा के अलावा अलग-अलग रूप में अफीम का सेवन करते हैं। 
हमारा उद्देश्य
''नशा मुक्ति आरोग्यम्'' मानव सेवा  के भाव से सस्ती एवं सुलभ नशा मुक्ति दवाई उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। एवं दूर - दराज के लोगों को भी इस  सेवा का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती हैं। 
'' नशा मुक्त आम जन '' 
'' नशा मुक्त इण्डिया '' ही हमारी सोच हैं।
 
        केवल स्वेच्छा से छोड़ने वाले ही सम्पर्क करें। 

 
         *अफीम, डोडा पोस्त के लिए सफल आयुर्वेदिक  नुस्खा*
               
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स्मैक ड्रग्स कैसे छुड़ायें |

 

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Rid- drugs
चरस स्मैक मुक्ति दवा
Anti Drugs Dawai 

एन्टी ड्रग्स दवाई आयुर्वेदिक ओषधियों से निर्मित व्यसन उपचार के लिए सरल, सफल एवं कामयाब नुस्खा है, यह बहुत ही कम समय में चरस स्मैक, ड्रग्स, हेरोइन आदि के व्यसन से मुक्ति दिलाती है यह चरस, स्मैक ड्रग्स, कोकीन, चिट्टा, एवं हेरोइन आदि की लत को इतने कम समय में छुड़ाने वाली एक मात्र नेचुरल मेडिसिन पैकेज है ।

स्वेच्छा से सरलता  पूर्वक छोड़ें  
इस दवाई के कोई साइड इफेक्ट नहीं है। इसे नियमित रूप से विधिनुसार लेने से सरलता पूर्वक नशे की आदत छुट जाती है। स्वेच्छा से नशा छोड़ने वाले व्यसन पीड़ित लोगों के लिए सिर्फ एक ही कोर्स में उपरोक्त नशे की लत से छुटकारा मिल जाता है।
 
यह किस प्रकार कार्य करती है
इस दवाई के सेवन से किसी प्रकार का दर्द तकलीफ, बैचेनी, घबराहट या नींद नहीं आने जैसी कोई परेशानी नहीं रहती है यह नशे के आदी व्यक्ति के शरीर एवं दिमाग का संतुलन फिर से सामान्य बनाने का कार्य करती है। 
सिर्फ 10 दिन बाद से ही नशे का आदि व्यक्ति सामान्य होने लगता है, वहां से दवा की मात्रा को धीरे धीरे कम किया जाता है और 30 दिनों के भीतर ही चरस, स्मैक ड्रग्स, कोकीन, चिट्टा, एवं हेरोइन आदि की लत सरलता पूर्वक छुट जाती है।
 
यह खास क्यों है
इस दवाई की आदत नहीं पड़ती है, बल्की नशेड़ी व्यक्ति का शरीर एवं दिमाग का संतुलन फिर से सामान्य हो जाता है तथा स्मैक ड्रग्स के आदी व्यक्तियों को सामान्य तरीके से स्मैक के व्यसन से मुक्ति मिल जाती है, इसमें ऐसी कोई प्रतिबंधित वस्तु नहीं है, जो शरीर को हानि पहुँचाती हो। इसमें प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने जैसे भी गुण विद्यमान है, जो कि नशे की बीमारी से लड़ने के अलावा स्फूर्ति का एहसास भी कराती है। 
 
व्यसन  मुक्त  जीवन  जीना आसान 
स्मैक के आदी व्यक्ति का दिमाग एवं शरीर का संतुलन बिगड़ सा जाता है। नियमानुसार एन्टी ड्रग्स नशा मुक्ति आयुर्वेदिक दवाई लेने से बिना परेशानी के तथा बिना भर्ती के ही चरस, स्मैक ड्रग्स, कोकीन,चिट्टा, एवं हेरोइन आदि की आदत छुट जाती है। और नशे की लत से परेशान व्यक्ति का जीवन चक्र बदल जाता है।
इस दवाई को खाने के बाद नशे की तलब नहीं आती है, और धीरे - धीरे इच्छा कम होने लगती है।
इस दवाई से चरस, स्मैक ड्रग्स, कोकीन, चिट्टा, एवं हेरोइन आदि की लत आसानी से छुट जाती है और जीवन जीना आसान हो जाता हैं।
             
स्मैक ड्रग्स के दुष्परिणाम
स्मैक का नशा आदमी के शरीर का संतुलन चक्कर बिगाड़ देता है। यह धीरे धीरे दिमाग की नसों को शिथिल एवं शरीर को कमजोर कर देता है। 
स्मैक की अधिक आदत मानव मष्तिस्क को धीरे-धीरे विनष्ट भी कर सकती है, इन पदार्थों का सेवन मानव समाज के लिए बहुत ही घातक है।  इस व्यसन के आदी व्यक्ति एवं उसका परिवार बर्बादी के करीब पहुंच की स्थिति में आ जाता है। इन पदार्थो के सेवन से स्वयं नशेड़ी व्यक्ति एवं उसका परिवार काफी परेशान रहता हैं।
 
पीड़ित को स्मैक ड्रग्स नहीं मिलने पर
स्मैक के आदी लड़के लड़कियां इस व्यसन को पाने के लिए आखिरी स्थिति में चोरी, हत्या जैसी घटिया कार्य करने के लिए भी हिचकिचाते नहीं है और वह किसी भी हद तक जाने को तैयार हो जाते हैं। एस नशे के आदी व्यक्ति का दिल दिमाग एवं शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है, एन्टी ड्रग्स नशा मुक्ति आयुर्वेदिक दवाई से बिना परेशानी के चरस, स्मैक मुक्ति का कारगर इलाज होता है, जिससे कई लोगों का जीवन चक्र बदला है।
 
हमारा उद्देश्य
''नशा मुक्ति आरोग्यम्'' मानव सेवा  के भाव से सस्ती एवं सुलभ नशा मुक्ति दवाई उपलब्ध करवाने के लिए प्रतिबद्ध है। एवं दूर - दराज के लोगों को भी इस  सेवा का लाभ पहुंचाने की कोशिश की जाती हैं। 
'' नशा मुक्त आम जन '' 
'' नशा मुक्त इण्डिया '' ही हमारी सोच हैं।
 
केवल स्वेच्छा से दवा खाकर छोड़ने वाले ही सम्पर्क करें

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                              कोर्स की कीमत
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